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पोक्सो एक्ट- WITH PDF FILE

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लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                बालको के अधिकारों के लिए विशेष उपबन्ध एवं उनकी सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा उक्त अधिनियम 2012 बनाया गया है। जिसमें लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीडन व अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने के उपबन्ध किये गये हैं। बालकों के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने व ऐसे अपराधियों को कठोर सजा दिये जाने के उद्देश्य से इस अधिनियम में विशेष प्रावधान किये गये है।

4- बालक, बालक से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है।

धारा 3- प्रवेशन लैंगिक हमला- कोई व्यक्ति प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, यह कहा

जाता है यदि वह-

(क) अपना लिंग, किसी भी सीमा तक किसी बालक की योनि, मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में प्रवेश करता है तो बालक से उसके साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करवाता है. या (ख) किसी व्यक्ति या शरीर के किसी ऐसे भाग को, जो लिंग नहीं है, किसी सीमा तक बालक की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में घुसेड़ता है या बालक के साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करवाता है, या

(ग) बालक के शरीर के किसी भाग के साथ ऐसा अभिचालन करता है जिससे वह बालक की योनि, मूत्रमार्ग या बालक या शरीर के किसी भाग में प्रवेश कर सके या बालक से उसके

साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा करवाता है; या (घ) बालक के लिंग, योनि, गुदा या मूत्रमार्ग पर अपना मुंह लगाता है या ऐसे व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति के साथ बालक से ऐसा करवाता है।                           धारा 4- प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड- जो कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा, वह दोनो

में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की होगी किन्तु जो

आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

धारा-5 गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला:-

(क) जो कोई, पुलिस अधिकारी होते हुए किसी बालक पर-

(1) पुलिस थाने या ऐसे परिसरों की सीमाओं के भीतर जहां उसकी नियुक्ति की गई है: या

(2) किसी थाने के परिसरों में, चाहे उस पुलिस थाने में अवस्थित हैं या नहीं जिसमें उसकी

नियुक्ति की गई या

(3) अपने कर्तव्यों के अनुक्रम में या अन्यथा

(4) जब वह पुलिस अधिकारी के रूप में ज्ञात हो या उसकी पहचान की गई हो, प्रवेशन

लैंगिक हमला करता है या (ख) जो कोई सशस्त्र बल या सुरक्षा बल का सदस्य होते हुए बालक पर-

(1) ऐसे क्षेत्र की सीमाओं के भीतर जिसमें वह व्यक्ति तैनात है. या

(2) बलों या सशस्त्र बलों की कमान के अधीन किन्हीं क्षेत्रों में या

(3) अपने कर्तव्यों के अनुक्रम में या अन्यथा, या

(4) जहां उक्त व्यक्ति सुरक्षा या सशस्त्र बलों के सदस्य के रूप में ज्ञात हो या उसकी पहचान वी गई हो, प्रवेशन लैंगिक हमला करता है या (ग) जो कोई लोक सेवक होते हुए, किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है. या
(i) जो कोई किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह, संरक्षक गृह, संप्रेक्षण गृह या अन्य या तत्समय प्रवत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित अभिरक्षा या देखरेख और संरक्षण के किसी अन्य स्थान का प्रबंध या कर्मचारिवृंद ऐसे जेल, प्रतिप्रषण गृह, संप्रेषण गृह या अभिरक्षा या देखरेख और सरक्षण के अन्य स्थान पर रह रहे किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, या

(ड) जो कोई किसी अस्पताल, चाहे सरकारी या प्राइवेट हो, का प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए उस अस्पताल में किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या (च) जो कोई किसी शैक्षणिक संस्था या धार्मिक संस्था का प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए उस संस्था में किसी बालक का प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या (छ) जो कोई, किसी बालक पर सामूहिक प्रवेशन लैंगिक हमला करता है।

स्पष्टीकरण:- जहां किसी बालक पर किसी समूह के एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा उनके सामान्य आशय को अग्रसर करने में लैंगिक हमला किया गया है वहां ऐसे व्यक्ति द्वारा इस खंड के अर्थातर्गत सामूहिक प्रवेशन लैंगिक हमला किया जाना समझा जाएगा और ऐसा प्रत्येक व्यक्ति उस कृत्य के लिए वैसी ही रीति में दायी होगा मानो वह उसके द्वारा अकेले किया गया था. या (ज) जो कोई किसी बालक पर घातक आयुध, अग्न्यायुध, गर्म पदार्थ या प्रयोग करते हुए

संक्षारक पर्दाथ का प्रयोग करते हुऐ प्रवेशन लैंगिक हमला करता है या (झ) जो कोई, किसी बालक की घोर उपहति कारित करते हुए या शारीरिक रूप से नुकसान और क्षति करते हुए, या उसके / उसकी जननेंद्रियों की क्षति करते हुए प्रवेशन लैंगिक हमला करता है; या (ञ) जो कोई किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है जिससे :-

(1) बालक शारीरिक रूप से अशक्त हो जाता है या बालक मानसिक स्वास्थ अधिनियम,

1987 ( 1987 का 14) की धारा 2 के खंड (ख) के अधीन यथापरिभाषित मानसिक रूप से रोगी

हो जाता है या किसी प्रकार का ऐसा ह्रास कारित करता है जिससे बालक अस्थायी या

स्थायी रूप से नियमित कार्य करने में अयोग्य हो जाता है; या

(2) बालिका की दशा में, वह लैंगिक हमले के परिणामस्वरूप, गर्भवती हो जाती है; (3) बालक मानव प्रतिरक्षाहास विषाणु या किसी ऐसे अन्य प्राणघातक रोग या संक्रमण से है।

जो बालक को शारीरिक अयोग्य करके अस्थाई या स्थाई रूप से ह्रास कर सकेगा, या (ट) जो कोई, बालक की मानसिक और शारीरिक अशक्तता का लाभ उठाते हुए बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है;

(ठ) जो कोई, उसी बालक पर एक से अधिक बार या बार-बार प्रवेशन लैंगिक हमला करता है. या (ङ) जो कोई, बारह वर्ष से कम आयु के किसी बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, या (ढ) जो कोई, बालक का रक्त या दत्तक या विवाह या संरक्षकता द्वारा या पोषण देखभाल करने

वाला नातेदार या बालक के माता-पिता के साथ घरेलू संबंध रखते हुए या जो बालक के साथ साझी गृहस्थी में रहता है. ऐसे बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, या (ण) जो कोई, बालक को सेवा प्रदान करने वाली किसी संस्था का स्वामी या प्रबंध या कर्मचारिवृंद होते हुए बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, या (त) जो कोई, बालक किसी बालक का न्यासी या प्राधिकारी के पद पर होते हुए बालक की

किसी संस्था या गृह या कहीं और बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, या
(ग) जो कोई, यह जानते हुए कि बालक गर्भ से है, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता

(४) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक की हत्या करने का प्रयत्न करता है या (घ) जो कोई, सामुदायिक या पथिक हिंसा के दौरान बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है:

(ग) . बालक पर कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और वह पूर्व में इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करने के लिए या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन दंडनीय किसी रंगिक अपराध किए जाने के लिए दोषसिद्ध किया गया है, या (प) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक को सार्वजनिक रूप से विवस्त्र करता है या नग्न करके प्रदर्शन करता है. वह गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, यह कहा जाता है।

SETION 6गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड :-

जो कोई, गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा वह कठोर कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष

से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।                             धारा -7 के अनुसार जो  लैंगिक आशय से बालक की योनि, लिंग, गुदा या स्तनों को स्पर्श करता है या बालक से ऐसे व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति की योनि, लिंग, गुदा या स्तन का स्पर्श कराता है या लैंगिक आशय से ऐसा कोई अन्य कार्य करता है जिसमें प्रवेशन किये बिना शारीरिक सम्पर्क अंतर्ग्रस्त होता है. लैंगिक हमला करना कहाँ जाता है।

धारा 8 के अनुसार जो कोई लैंगिक हमला करेगा वह किसी भी भांति के कारावास

जिसकी अवधि 3 वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु वह 5 वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से

दण्डित होगा।

गुरुतर लैंगिक हमला धारा 9— के अनुसार कोई पुलिस अधिकारी रहते हुए, सशस्त्र बल या सुरक्षाबल का अधिकारी होते हुए. लोकसेवक होते हुए किसी जेल, प्रतिप्रेक्षण गृह, संरक्षण गृह का कर्मचारी होते हुए, किसी अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, किसी शैक्षणिक संस्था या धार्मिक संस्था का कर्मचारी होते हुए जो बालक पर लैंगिक हमला करता है, बालक पर सामूहिक हमला करता है, बालक पर घातक आयुध, अग्न्यायुध, गर्म पदार्थ या संक्षारक पदार्थ का प्रयोग कर लैंगिक हमला करता है, बालक को घोर उपहति कारित कर लैंगिक हमला करता है किसी बालक पर जो शारीरिक व मानसिक या प्राणघातक बीमारी से ग्रसित हो लैंगिक हमला करता है। जो कोई एक से अधिक बार बालक पर लैंगिक हमला करता है, जो कोई 12 वर्ष से कम आयु के बालक पर लैंगिक हमला करता है, जो कोई बालक का रक्त या दत्तक या विवाह या संरक्षकता द्वारा देखभाल या पोषण करने वाला व्यक्ति हो, साझा गृहस्थी में रहने वाला व्यक्ति हो बालक पर लैंगिक हमला करता है, जो कोई बालक सेवा प्रदान करने वाली संस्था का कर्मचारी हो, बालक का न्यासी होते हुए लैंगिक हमला करता है यह जानते हुये कि बालक गर्म से है, बालक पर लैंगिक हमला करता है बालक के हत्या की प्रयास में लैंगिक हमला करता है, सामुदायिक या पंथिक हिंसा के दौरान लैंगिक हमला करता है, इस अधिनियम के अन्तर्गत या अन्य विधि के अन्तर्गत लैंगिक अपराध के लिए दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा लैंगिक हमला, बालक को
(ग) जो कोई, यह जानते हुए कि बालक गर्भ से है, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता

(४) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक की हत्या करने का प्रयत्न करता है या (घ) जो कोई, सामुदायिक या पथिक हिंसा के दौरान बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है:

(ग) हो कोई. बालक पर कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और वह पूर्व में इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करने के लिए या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन दंडनीय किसी रंगिक अपराध किए जाने के लिए दोषसिद्ध किया गया है, या (प) जो कोई, बालक पर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है और बालक को सार्वजनिक रूप से विवस्त्र करता है या नग्न करके प्रदर्शन करता है. वह गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करता है, यह कहा जाता है।

धारा 10 -गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड :-

जो कोई, गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा वह कठोर कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष

से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

लैंगिक उत्पीडन धारा ( 11 ) जो कोई शब्द ध्वनि या कोई अंग विक्षेप करता है या कोई वस्तु या शरीर का भाग इस आशय के साथ प्रदर्शित करता है कि बालक द्वारा शब्द या ध्वनि सुनी जाये, या ऐसा अंग विक्षेप या वस्तु या शरीर का भाग देखा जाये या किसी बालक को उसके शरीर या शरीर का कोई भाग प्रदर्शित करवाता है।

● जिससे उसको ऐसे व्यक्ति या अन्य व्यक्ति द्वारा देखा जा सके अश्लील प्रयोजन के लिए किसी प्रारूप या मीडिया में बालक को कोई वस्तु दिखाता है या बालक का या तो सीधे ‘या इलेक्ट्रॉनिक, अंकिय या अन्य साधनों के माध्यम से बार-बार या निरन्तर पीछा करता है, देखता है या सम्पर्क करता है अथवा बालक शरीर के किसी भाग या बालक को लैंगिक कृत्य में बालक के अंतर्ग्रस्त होने का इलेक्ट्रॉनिक फिल्म, अंकिय या किसी अन्य पद्धति के माध्यम से वास्तविक या गढे गये चित्रण मीडिया के किसी रूप में उपयोग करने की धमकी देता है या अश्लील प्रयोजनों के लिए किसी बालक को प्रलोभन या परितोषण देता है, तो यह बालक का लैंगिक उत्पीड़न कहा जायेगा।

धारा (12)-

लैंगिक उत्पीडन के लिए दण्ड

जो कोई किसी बालक पर लैंगिक उत्पीडन करेगा वह किसी भी भांति के कारावास जिनकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी से दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डित होगा।

धारा (13)-

अश्लील प्रायोजन के लिए बालक का उपयोग

जो कोई किसी बालक का मीडिया के (जिसमें टेलीविजन चैनलों, इन्टरनेट या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्ररूप या मुद्रित, प्ररूप द्वारा प्रसारित कार्यक्रम या विज्ञापन चाहे ऐसे कार्यक्रम या विज्ञापन का आशय व्यतिगत उपयोग या विवरण के लिए हो या नहीं, सम्मिलित है) किसी प्ररूप में ऐसे लैंगिक परितोषण के प्रयोजनों के लिए उपयोग करता है, जिसमें निम्नलिखित सम्मिलित है-

1. किसी बालक की जननेन्द्रियों का प्रतिदर्शन करना।                             2. किसी बालक का उपयोग वास्तविक या नकली लैंगिक कार्यों में (प्रवेशन के साथ या

उसके बिना करना)

3. किसी बालक का अशोभनीय या अश्लीलतापूर्ण प्रतिदर्शन करना वह किसी बालक का अश्लील प्रयोजनों के लिए उपयोग करने के अपराध का दोषी होगा।

SETION- 14अश्लील प्रयोजन के लिए बालक के उपयोग के लिए दण्ड जो कोई अश्लील प्रयोजनों के लिए किसी बालक या बालकों का उपयोग करेगा वह

दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी दण्डित किया जा सकेगा व जुर्माना से दण्डित किया जा सकेगा।धारा ( 16 ) – इस धारा के अन्तर्गत किये जाने वाले अपराधों के दुष्प्रेरण को बताया गया है।                                                                                    धारा ( 17 ) – इस धारा के अन्तर्गत ऐसे अपराधों के दुष्प्रेरण के दण्ड का प्रावधान किया गया है।

SETION- (18)- ऐसे किसी अपराध को जो इस अधिनियम में दण्डनीय है को कारित

करने के प्रयत्न के लिए दण्ड के प्रावधान किये गये हैं।                                                                                                                                                             • इस अधिनियम के अन्तर्गत अगर कोई व्यक्ति धारा (3), धारा (5) धारा (7) धारा (9) के अधीन किये गये अपराध के संदर्भ में किसी व्यक्ति के विरुद्ध उसे अपमानित करने, उद्यापित करने, धमकाने के मानहानि करने के एक मात्र आशय से मिथ्या परिवाद करता है। अर्थात् झूठा परिवाद करता है तो ऐसे व्यक्ति के लिए 06 माह का कारावास व जुर्माना या दोनों के दण्ड का प्रावधान भी इस अधिनियम में किया गया है। इस अधिनियम में दर्ज किए गए प्रकरणों के तहत संबंधित पीड़ित बालक की पहचान को प्रिंट मीडिया, या सोशल मीडिया कहीं पर भी खुलासा नहीं किया जा सकता हैं। बालक के हितों को देखते हुए न्यायालय पीड़ित बालक की पहचान का खुलासा करने का आदेश दे सकता है अन्यथा पीड़ित बालक की पहचान गुप्त रखी जाएगी। पीडित बालक की पहचान सार्वजनिक करना अधिनियम की धारा 23 (1) (2) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है जिसके अंतर्गत कारावास जिसकी अवधि छः माह से कम की नहीं होगी लेकिन एक वर्ष एक वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों की सुनवाई जिला स्तर के विशेष न्यायालयों में ही की जा सकेगी।                                        PDF FILE OF THIS ACT                                                             

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