हिंदी ब्लॉग ?
“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता‘ अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते है यह हमारे महान भारत की सभ्यता की पहचान है। वेदों का अध्ययन करें तो वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति काफी अच्छी हुआ करती थी महिलाओं को शिक्षा व विवाह की स्वतंत्रता थी उस काल में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना बहुताय रूप में विध्यमान थी। आज हम देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के नजदीक है एवं हम आजादी का अमृत महोत्सव सब मना रहे है। हालाकि देश में सती प्रथा, बहुविवाह, पर्दा प्रथा जैसी कुरीतियों पर काफी हद तक रोक लगी है और महिलाएं पुलिस बल सेना, वैज्ञानिक जगत, राजनैतिक क्षेत्र, अन्तरिक्ष जगत, उच्च शिक्षा, खेल, संगीत, उद्योग जगत, उच्चतर नौकरी आदि विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बहुत बेहतरीन कार्य कर रही है। परन्तु विगत कुछ वर्षों में महिला उत्पीडन, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, घरेलु हिंसा, कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन, बलात्कार, हत्या, दहेज हत्या तेजाब कांड सामूहिक बलात्कार आदि की घटनाओं में जबरदस्त तेजी आई है। बढ़ते जघन्य अपराधों से महिलाओं की सुरक्षा एक बढ़ा चिन्ताजनक विषय बन गया है। हमारी बहु-बेटियों का अपमान लज्जा भंग, अपहरण, हिंसा उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करना, बच्चियों पर तेजाब डालना जैसे घृणित अपराध बढ़ते ही जा रहे है, हालांकि 2012 के दिल्ली “निर्भया कांड” के बाद आपराधिक कानूनों में संशोधन किये गये और प्रभावी कानून भी संसद द्वारा बनाये गये और त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट भी बनाये गये परन्तु इन सब के बावजूद भी आज भी महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है।
यह अपराध की प्रवृति देश की राजधानी दिल्ली तक ही सीमित नही रही है, बल्कि देश के प्रत्येक राज्य में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसी हालात में महिलाओं को उनके प्रति संसद व राज्य की विधानसभाओं में बने कानूनों और संविधान के अन्तर्गत प्रदत्त उनके अधिकारों व उनके हितों के लिए बने अन्य प्रावधानों की जानकारी होना अति आवश्यक हो जाता है। आज महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में सशक्त और कठोर कानून उपलब्ध है परन्तु महिलाओं को इन कानूनों और अधिकारों की जानकारी का अभाव होने से भी महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे है। ऐसे में महिलाओं को उनके लिये बने कानूनी प्रावधानों, अधिकारों की जानकारी हिन्दी भाषा में सरल और प्रचलन की भाषा में एक ही जगह उपलब्ध करवाई जा सके तो यह एक बहुत बड़ा कदम होगा और यह एक ब्लॉग के माध्यम से ही हो सकता है जिसमें महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों और संवैधानिक अधिकारों के बारे में बताया जा सके। 75 वर्ष की देश की आबादी के इस अमृत महोत्सव के स्वर्णिम युग में भी आज भी कानूनी ब्लॉग अंग्रेजी भाषा में ही होते है और उनकी भाषा कानूनी ओर जटिल होती है हिन्दी भाषा में कानूनी ब्लॉग का सर्वथा अभाव रहाहै। ऐसे में एक ब्लॉग जो हिन्दी भाषा में हो, जिसकी भाषा सरल और सुगम हो और उस ब्लॉग में महिलाओं के लिए बने कानूनी प्रावधान, संवैधानिक प्रावधानों को आसान भाषा में समझाया जाए ऐस एक छोटे से प्रयास को मूर्त रूप देने के लिए इस ब्लॉग (हिंदी में कानून) “indianlawonline.com “ की परिकल्पना की गई और अब यह आप लोगों के सम्मुख प्रस्तुत है मेरे द्वारा यह प्रथम ब्लॉग बनाया है इसलिए इसमें कुछ त्रुटिया होना स्वाभाविक है परन्तु मैं यह कोशिश करूंगी कि भविष्य में अपनी लेखनी को त्रुटिहीन बना सकू। आप सभी का आर्शीवाद उपेक्षित है।
लड़कियों के क्या अधिकार है? महिलाओं के क्या अधिकार है? पत्नी के क्या अधिकार है? पुत्री के क्या अधिकार है?
संवैधानिक अधिकार क्या है? कानूनी अधिकार क्या है?इन सभी को सरल भाषा में समझाने का प्रयास इस ब्लॉग के आर्टिकल में किया है, ताकि महिलाएँ अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ उठा सकें। हालांकि अपने कानूनी अधिकारों को प्राप्त करने के लिए महिलाओं को स्वयं आगे आना पड़ेगा और कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी परन्तु इस blog के माध्यम से उन्हें अपने कानूनी व सवैधानिक अधिकारों, प्रावधानों के बारे में जागृत अवश्य किया जा सकता है। यही लेखिका का प्रयास है। इस blogमें महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न आवश्यक प्रावधानों की जानकारी दी गई है, और भारत में महिलाओं से सम्बन्धित प्रमुख कानूनों की संक्षिप्त जानकारी दी गई है एवं और भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित प्रावधानों को संक्षिप्त में बताया गया है। देश की आजादी के अमृतमहोत्सव पर्व पर मातृशक्ति को समर्पित महिलाओं के कानूनी अधिकारों को दर्शाता यह हिंदी कानूनी ब्लॉग आपके समक्ष प्रस्तुत है।इसमें आपके लिए कानूनी आर्टिकल और अन्य कानूनी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
इस ब्लॉग और साईट के लेखन में मार्गदर्शन के लिए परमपिता परमात्मा, मेरे माता पिता और गुरुजनो व परिजनों एवं अभिन्न मित्रों का विशेष योगदान रहा है और भविष्य में भी इनके सहयोग और मार्गदर्शन की अभिलाषा रखती हूँ। इस प्रकार समस्त पाठकों से भी सहयोग प्रदान करने एवं मेरे इस छोटे से प्रथम प्रयास को सफल बनाने की अपेक्षा रखती हूँ।
लेखिका… (हिंदी में कानून )Indianlawonline. com
My sistar mansavi ojha आपके ब्लॉग का अवलोकन किया गया तथा आगे भी करता रहूंगा चूकि की मुझे आपके ब्लॉग पर वर्तमान समय में उपलब्ध समस्त पोस्ट बहुत अच्छी लगी आप ऐसे ही जन हित में पोस्ट शेयर करते रहे👍🙏🚩 जय हिंद जय भारत 🚩 thish Blog said verry nice 👍🙏🌹
thanks uncle