महिलाओं का अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम 1986 :- अधिनियम में महिलाओं को किसी भी रूप से अभद्रता के साथ पेश नहीं किया जाए इनके शरीर व उनकी शील की सुरक्षा बनी रहे इस बाबत प्रावधान किए गए हैं इस अधिनियम की धारा 3 महिलाओं के अशिष्ट रूपण करने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया गया है अर्थात कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई विज्ञापन ना तो प्रकाशित कर सकता है नहीं प्रकाशित करवा सकता है इसमें किसी भी प्रकार का महिला का अशिष्ट रूपण हो धारा 4 में महिलाओं का अशिष्ट रूपण करने वाली पुस्तकों का प्रकाशन और डाक से उन्हें भेजने में प्रतिबंध लगाया गया है अगर कोई व्यक्ति उपरोक्त धारा 3 व 4 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो धारा( 6 )के अंतर्गत प्रथम बार दोष सिद्धि पाए जाने पर 2 वर्ष का कारावास व ₹2000 तक के जुर्माने से दंडनीय होगा और ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति करने पर सजा 6 माह से कम कि नहीं होगी और 5 वर्ष तक की सजा से दंडनीय होगा साथ ही पुनरावृति करने पर उक्त सजा के साथ-साथ जुर्माना जो ₹10000 से कम नहीं होगा किंतु एक लाख तक हो सकेगा से दंडनीय होगा धारा 8 के अंतर्गत जैसे सभी अपराध संज्ञेय जमानती होंगे अर्थात प्रकरण में एफ आई आर दर्ज हो सकती है उक्त अधिनियम महिलाओं के अशिष्ट रूपण से सुरक्षा प्रदान करता है कोई भी व्यक्ति विज्ञापन पुस्तक पुस्तिका पेपर स्लाइड लेखन रेखाचित्र रंग चित्र छायाचित्र किसी भी प्रकार से ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिससे किसी महिला का अशिष्ट रूपण प्रदर्शित होता है. SEE PDF ACT BLOW पोस्ट
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