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साइबर अधिनियम सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000

साइबर अधिनियम सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 साइबर अधिनियम सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000
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साइबर अधिनियम सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000

साइबर अधिनियम सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचार प्रसार और युवाओं में उनके बढ़ते उपयोग के कारण आजकल सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का भी बहुत ही दुरुपयोग किया जा रहा है उन संसाधनों का दुरुपयोग कर महिलाओं के प्रति विभिन्न अपराध किए जा रहे हैं ऐसे में साइबर् एक्ट द्वारा जो प्रावधान दिए गए उनकी जानकारी भी प्रत्येक महिला को होनी आवश्यक है साइबर एक्ट की धारा 66 (ड) एकांतता के लिए दंड का प्रावधान है इसमें 2 वर्ष का कारावास व जुर्माने का प्रावधान है इसे साधारण शब्दों में ऐसे समझा जाए कि कोई किसी आशय से या जानबूझकर किसी व्यक्ति के गुप्तांग का चित्र उसकी सहमति के बिना उस व्यक्ति की एकांतता भंग करने की परिस्थितियों के अधीन करेगा तो वह उस दंड से दंडित होगा यहा गुप्तांग से आशय नग्न अंतर्वस्त्र सज्जित जननांग जगन अंग नितंब या स्त्री का स्तन आता है किस प्रकार धारा 67 के अंतर्गत अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक रूप में लैंगिक प्रदर्शन का कार्य करने वाली सामग्री का प्रकाशन करता है तो उसे 3 वर्ष का कारावास व 500000 का जुर्माने से दंडित किया जाएगा धारा( 67 ) ए इलेक्ट्रॉनिक रूप में लैंगिक प्रदर्शन करने वाले सामग्री के प्रकाशन किए जाने पर 5 वर्ष का कारावास व ₹1000000 तक जुर्माने का प्रावधान है इस प्रकार धारा 67 (ख) मे कामवासना भड़काने वाले क्रियाकलाप आदि में बच्चों का चित्रण व प्रकाशित करने के लिए भी 5 वर्ष का कारावास व ₹1000000 जुर्माना है प्राय यह देखा जाता है कि महिलाओं के प्राइवेट फोटो अथवा उनके प्राइवेट वीडियो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया में अथवा महिला के परिजनों में वायरल करने की धमकी देकर महिला को ब्लैकमेल किया जाता है ऐसी घटना किसी महिला के साथ होती है तो डरे नहीं और साइबर कानून के तहत अपराधी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करा सकती है भारतीय दंड संहिता के अपराध के साथ-साथ साइबर एक्ट में भी मुकदमा दर्ज होता है वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा प्रत्येक जिलों में साइबर थाने खोले गए हैं उच्च स्तरीय तकनीकी जानकारी पर विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है महिला इन थानों साइबर सेल से संपर्क कर सकती है इसके अतिरिक्त कंप्यूटर नेटवर्क ऑनलाइन सोशल मीडिया से अगर कोई व्यक्ति आपको ऑनलाइन धमकी देता है बैंक से रुपए उड़ा लेते हैं आपकी फेक आईडी से कोई कार्य करता है आपका वीडियो या फोटो वायरल करने की धमकी देता है अथवा वायरल करता है तो आप साइबर क्राइम पोर्टल पर बिना थाने कोर्ट के ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं इसके अतिरिक्त आप साइबर सेल के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं

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