माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में अपने महत्वपूर्ण फैसले में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एमटीपी एक्ट(MTP )में अविवाहित महिलाओं को भी अपना गर्भपात कराने का कानूनी अधिकार दे दिया है पहले ये अधिकार केवल विवाहित महिलाओं को ही था जिस में भी महिलाओं को उनके पति की इजाजत लेनी पड़ती थी और बलात्कार की पीड़ित महिला को अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ती थी परंतु अब गर्भपात का अधिकार प्रत्येक महिला को है चाहे विवाहित हो अथवा नहीं महिलाओं की विशेष आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 20 सप्ताह से ज्यादा व 24 सप्ताह से कम के गर्भ का गर्भपात कराने का अधिकार प्रत्येक महिला को दिया गया है महिलाओं की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुऐ यह क्रांतिकारी निर्णय लिया गया है जब महिलाओं को अपनी इच्छा से विवाह करने का अधिकार है तो फिर उन्हें अपनी इच्छा से गर्भपात करवाने का भी अधिकार मिलना चाहिए 29 सितंबर 2022 सिविल अपील संख्या 5802 /2022 X बनाम प्रिंसिपल सेक्रेटरी ऑफ इंडिया एवं स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के निर्णय में माननीय न्यायालय न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में 3 सदस्यीय खंडपीठ ने यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया अब अविवाहित महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार प्राप्त है और इसके साथ साथ बलात्कार की पीड़ित महिलाओं को भी अब आसानी से गर्भपात का अधिकार मिल गया है.
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