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सती प्रथा निवारण अधिनियम PDF

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सती प्रथा निवारण अधिनियम PDF

कमीशन ऑफ सती (निवारण) अधिनियम 1987

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        महिलाओं को सती होने से रोकने के लिए उक्त अधिनियम को संसद द्वारा बनाया गया है। • महिलाओं को गरिमापूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान करने का यह एक महत्वपूर्ण कानून इसमें सती प्रथा को रोकने के लिए निम्न प्रावधान किये गये कि महिलाओं को 1.सती के संबंध में कोई जुलूस निकालना या उत्सव मनाना।

2. सती प्रथा को किसी भी प्रकार से न्यायोचित ठहराना या समर्थन करना अथवा प्रचार करना।

3. जिसने सती की हो उस व्यक्ति की स्तुति करने के लिए किसी प्रकार का आयोजन करना।

4. किसी व्यक्ति के जिसने सती किया हो कि स्मृति सुरक्षित करने या उसके सम्मान को स्थाई बनाने के विचार से किसी न्यास की स्थापना करना राशि एकत्रित करना मंदिर निर्माण करना को रोकने के संबंधित प्रावधान किये गये है। सती से आशय एक विधवा को उसके मृत पति के शव या किसी रिश्तेदार के शव या किसी वस्तु पदार्थ या सामग्री जो उसके या रिश्तेदार से संबंधित हो के साथ जीवित जलाना पा
गाढ़ना शामिल है।

इस अधिनियम की धारा (3) के अन्तर्गत सती होने के प्रयास को दण्डनीय बताया गया है अर्थात् जो कोई प्रयास करेगा या ऐसा कृत्य करने के लिए कोई कार्य करेगा तो ऐसे कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकेगा। धारा (4):- इस धारा के अन्तर्गत सती के दुष्प्रेरण के लिए दण्ड का प्रावधान किया गया है यदि
कोई व्यक्ति सती होता है, तब जो कोई ऐसे सती होने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दुष्प्रेरण
करता है वह मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डित किया जायेगा।

धारा(5) :- इसके अन्तर्गत सती का गौरव बढ़ाने के लिए दण्ड का प्रावधान किया गया है जो
कोई सती का गौरव बढ़ाने का कार्य करेगा वो ऐसे कारावास से जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की
होगी किंतु 1 वर्ष से कम की होगी से दण्डित किया जा सकेगा, जो 30,000/- से कम हो
सकेगा 5,000/- से कम नही होगा।

धारा(6) :- जिला कलेक्टर या जिला दण्ड अधिकारी का यह विचार है कि सती या उसका
दुष्प्रेरण हो रहा है या होने वाला है तो वह आदेश जारी कर सती से संबंधित किसी ऐसे कार्य
को किए जाने पर प्रतिबंध लगा सकता है। धारा(7):- यदि राज्य सरकार को यह समाधान हो जाता है कि कोई मंदिर या निर्माण जो बीस वर्ष से कम न होने वाली अवधि से अस्तित्व में है किसी व्यक्ति के संबंध में जिसके द्वारा सती किया गया है किसी भी प्रकार की आराधना या उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसका आशय उसकी याद को सुरक्षित रखना या उसके सम्मान को बढ़ाना है तो सरकार द्वारा ऐसे मंदिर या निर्माण को हटाने का निर्देश दिया जा सकता है। धारा(8):- यह विश्वास करने का कारण हो कि कोई निधि या सम्पति अर्जित की गई है जिसका आशय सती होने को गौरवान्वित करना है या जो ऐसी परिस्थिति में पाई जाती है जिससे इसअधिनियम के अंतर्गत अपराध होने का संदेह हो तो ऐसी निधि या संपत्ति को संप्रहत (जन्त) किया जा सकता है।

धारा(9):- इस धारा के अन्तर्गत आने वाले अपराधों का विचार विशेष न्यायालयों द्वारा किया जायेगा।                                             SEE PDF FILE OF ACT

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