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लिव इन रिलेशनशिप

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लिव इन रिलेशनशिप

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लिव इन रिलेशनशिप ज़ब कोई महिला व पुरुष जो विवाहित नहीं है और पति / पत्नी के रूप में एक ही घर में एक ही छत के नीचे पति-पत्नी के रूप में रहते हैं और और शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं और वह सभी कार्य करते हैं जो पति-पत्नी द्वारा किए जाते हैं तो ऐसे रिश्ते को लिव इन रिलेशनशिप का रिश्ता कहा जाता है हालांकि भारतीय समाज में ऐसे रिश्ते को मान्यता प्रदान नहीं की गई है और भारत में ऐसे रिश्तो को अनैतिक रिश्ते के रूप में देखा जाता है ऐसे रिश्ते को कानूनी मान्यता भी प्राप्त नहीं है भारत की संसद या राज्यों की विधानसभाओं में इन को मान्यता देने संबंधी किसी प्रकार का कोई कानून नहीं पारित किया है परंतु माननीय सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट द्वारा दिए गए कुछ निर्णय के अंतर्गत इसे अपराध की श्रेणी से अलग रखा गया है अर्थात रिलेशनशिप का रिश्ता कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है लेकिन इसे एक अपराध भी नहीं कहा जा सकता, लिव इन रिलेशनशिप के रिश्ते के दौरान जब पति-पत्नी में आपसी मनमुटाव होता है या पुरुष द्वारा महिला को तंग परेशान किया जाता है तो ऐसी पीड़ित महिलाओं को कुछ कानूनी अधिकार माननीय सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट द्वारा प्रदान किए गए हैं लिव इन रिलेशनशिप से पीड़ित महिला घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत अपना भरण-पोषण न्यायालय से प्राप्त कर सकती है इसी प्रकार लिव इन रिलेशनशिप के दौरान पैदा हुए बच्चों को न्यायालय द्वारा वैधता प्रदान की गई है ऐसे बच्चों का अपने माता पिता की संपत्ति में वही अधिकार होगा जो अन्य बच्चों का होता है और ऐसे बच्चे वैद्य माने जाएंगे आने वाले समय में भारत की संसद और राज्य की विधानसभाओं द्वारा इस संदर्भ में कानून पारित किए जा सकते हैं इससे कुछ राहत पीड़ित महिला को प्राप्त हो सकती है है, भारत में भी ऐसे रिश्तो का चलन इन दिनों बढ़ता जा रहा है पश्चिमी देशों की भांति यहां भी स्त्री-पुरुष बिना शादी के ही दूसरे के साथ रहना पसंद करने लगे हैं लिव इन रिलेशनशिप के संदर्भ में माननीय न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय दिए गए हैं जिनमें[ इंदिरा शर्मा बनाम एवी शर्मा 2013] [चुनमुनिया बनाम वीरेंद्र कुमार ][रविंद्र सिंह बनाम मलिकार्जुन 2011] प्रमुख है इन इन फैसलों में लिव इन रिलेशनशिप के बारे में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए गए हैं जिन का अवलोकन करके लीव रिलेशनशिप का रिश्ता रखने वाले लोग न्यायालय द्वारा द्वारा बताए गए कि दिशा निर्देश व गाइड लाइन के अनुसार सहायता प्राप्त कर सकते हैं

 

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