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राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023 

राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023
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राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023 

दिनांक 18 /07/2023 को राजस्थान की विधानसभा में संगठित अपराधों और गैंगवार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए महाराष्ट्र अन्य राज्यों की भांति राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइजड़  क्राइम एक्ट (राकोका ) का बिल पास किया पिछले कुछ सालों में गैंगवार की घटना बढ़ती जा रही है नए पुराने गैंगस्टर इन दिनों सुर्खियों में जैसे लॉरेंस गैंग ,मांजू गैंग, फौजी गैंग, आदि कई गैंगस्टर द्वारा व्यापारी गणों व राजनेताओं तक से फिरौती की मांग की जा रही है, कुछ गैंगस्टर जेल से तो कुछ गैंगस्टर विदेशों से फिरौती का धंधा चला रहे हैं ऐसे में इस प्रकार का बिल राजस्थान की शांतिप्रिय जनता के लिए आवश्यक था .

राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023

इस बिल में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं जैसे कि गैंग बनाकर अपराध करने वालों को कम से कम 5 वर्ष की  सजा और अधिकतम उम्र कैद कम से कम तथा पांच लाख का जुर्माना ऐसे गिरोह की संपत्ति जब्त  की जाएगी ऐसे गैंगस्टर का सहयोग करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी व लोगों को पैसों के लिए धमकाना इस एक्ट में आएगा गैंगस्टर व उसके गुर्गों को शरण देना, सहयोग करना ,संपत्ति व पैसा रखने में मदद करना भी इस बिल के तहत अपराध माना जाएगा पुलिसकर्मी या राज्य के अन्य अफसरों द्वारा गैंगस्टर की मदद करने पर भी उन्हें भी सजा दी जाएगी ऐसे प्रकरणों की सुनवाई बंद कमरे में होगी गवाहों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। साथ ही गैंगस्टर के फरार होने पर उसकी संपत्ति जब्त की  जाएगी । इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले गैंगस्टर उनके  सहयोगी इत्यादि के फोन भी ट्रैप करवाए जाएंगे ।जिसकी सालाना रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी। संगठित अपराध या गिरोह के आपराधिक कार्यों  के निवारण व नियंत्रण हेतु बनाए गए इस बिल में कई महत्वपूर्ण प्रावधान रखे गए हैं  दुष्प्रेरण, संगठित अपराध, सिंडीकेट ,विशेष न्यायालय को परिभाषित किया गया है .

राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023

     धारा…    3 (1) संगठित अपराध के लिए दंड :- जो कोई संगठित अपराध करता है ( i) यदि ऐसे अपराध के परिणाम स्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो  मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है एवं जुर्माना एक लाख से कम का नहीं होगा (ii) किंतु अन्य मामले में ऐसी अवधि के कारावास जो 5 वर्ष से कम नहीं होगी किंतु आजीवन कारावास तक   से  दंडनीय  होगा जुर्माने से भी दंड नहीं होगा जो न्यूनतम 500000 तक का होगा            (2).   जो कोई भी किसी संगठित अपराध को करने का षड्यंत्र करता है या कारीत करने का प्रयत्न करता है या पक्ष में समर्थन करता है दुष्प्रेरण करता है संगठित अपराध करने की तैयारी करता है तो वह ऐसी अवधि के कारावास जिसकी अवधि 5 वर्ष से कम नहीं होगी  से  दंडित होगा (3) जो कोई भी किसी संगठित अपराध सिंडिकेट के किसी भी सदस्य को संश्रय देता है या  छुपाता है या संश्रय देने या छिपाने का प्रयत्न करता है  ऐसी अवधि के कारावास जिसकी अवधि 5 वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु आजीवन कारावास तक की हो सकेगी से  दंडनीय होगा एवं जुर्माने से भी दंडनीय होगा जो न्यूनतम ₹500000 तक का होगा (4) जो कोई व्यक्ति किसी संगठित अपराध का सदस्य हैं वह ऐसी अवधि के कारावास से जो 5 वर्ष से कम कि नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी एवं ₹500000 न्यूनतम जुर्माने से भी दंडनीय होगा                                           (5) जो कोई भी किसी संगठित अपराध किए जाने से व्युत्पन्न या प्राप्त या किसी संगठित अपराध सिंडिकेट निधियों के माध्यम से कमाई किसी संपत्ति को अपने कब्जे में रखता है या धारित करता है ऐसी अवधि के कारावास से जो 3 वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी दंडनीय होगा एवं जुर्माना जो न्यूनतम ₹200000 तक का होगा..  धारा–4                              संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य की ओर से बिना हिसाब के धन को धारित करने के लिए दंड:-  यदि किसी व्यक्ति के पास संगठित अपराध सिंडिकेट  के किसी सदस्य की ओर से ऐसी जंगम या स्थावर संपत्ति का कब्जा है या किसी भी समय रहा है जिसका वह विधिवत रूप से हिसाब नहीं दे सकता तो वो ऐसी अवधि के कारावास तो 3 वर्ष से कम की नहीं होगी जो 10 वर्ष तक की हो सकेगी दंडनीय  होगा एवं जुर्माने से भी दंडनीय होगा  ऐसी संपत्ति कुर्की और समपहरण के दायित्व के अधीन भी होगी.

इस प्रकार से इस बिल, विधेयक में बहुत से बड़े ओर विशेष प्रावधान किये गये है जिनमे ऐसे प्रकरणो की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय होंगे, विशेष लोकअभियोजक, साक्षी को संरक्षण, सम्पति की जप्ती कुर्की, दंड प्रकिया संहिता की धारा 438के प्रावधान लागू नहीं होना, जमानत के कठोर नियम, अपराधो की उपधारना, पुलिस उप अधीक्षक से अनुसंधान आदि कुछ ऐसे प्रावधान है जो इस बिल को मजबूती प्रदान करते है. अभी फिलहाल ये विधेयक है जो विधानसभा में पारित हुआ है अब राज्य के महामहिम राज्यपाल ज़ब इस बिल पर अपनी सहमति देकर इसका गजट नोटिफिकेशन जारी करेगे तब ये विधेयक अस्तित्व में आयेगा. इसके अस्तित्व में आने ओर गजट नोटिफिकेशन की जानकारी से आपको अवगत करा दिया जायेगा.

राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023——पीडीएफ फाइल के  के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

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