राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधयेक 2023( विधयेक संख्या19):—— हम ये देखते ओर सुनते है की किसी दुर्घटना में किसी की मौत होने पर या किसी की हत्या के बाद या किसी विवाद में कोई मौत हो जाने पर या कोई घटना हो जाने पर मरने वाले के मृत शरीर को लेकर उनके परिजन हंगामा करते हैं अपनी मांगे पूरी नहीं होने तक मृत शरीर का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं मृत शरीर को सार्वजनिक स्थलों पर रखकर धरना करना आम बात हो गई है जिससे मृतक के शरीर का सम्मान नष्ट होता है अंतिम संस्कार में भी देरी होती है मृत शरीर के सामाजिक व धार्मिक संस्कारों पर बुरा असर पड़ता है प्रत्येक व्यक्ति का अंतिम संस्कार यथासंभव शीघ्र उसके धार्मिक रीति रिवाज अनुसार आवश्यक होता है परंतु राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण मृत शरीर को आगे रखकर राजनीतिक की जाती है ऐसे में मृत शरीर के अंतिम संस्कार में देरी होती है इसके अलावा कोई भी मृत व्यक्ति हो उसका अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से हो इन सभी विषयों को लेकर उक्त विधेयक राज्य की विधानसभा में पास किया गया है किसे महामहिम राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर कर गजट नोटिफिकेशन पर यह अस्तित्व में आएगा इसकी जानकारी आपको गजट नोटिफिकेशन होने पर दे दी जाएगी.
राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधयेक 2023 —बिल का उद्देश्य यह है कि मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार उसके समुदाय ओर उसके धर्म की परंपरा के अनुसार यथाशीघ्र हो सके इस विधेयक की धारा (3):- ने बताया गया है प्रत्येक व्यक्ति को यथाशीघ्र उसके धर्म या समुदाय, प्रचलित परंपरा या रूढ़ि के आधार पर यथासंभव शीघ्र अंतिम संस्कार का अधिकार होगा . धारा (4 ):—- में यह बताया गया है मृतक के कुटुंबी सदस्यों द्वारा चिकित्सा या विधिक या अन्य विशेष कारणों के अलावा मृतक का अंतिम संस्कार यथासंभव शीघ्र किया जाएगा. धारा (6) :– में यह बताया गया है कि मृत शरीर का उपयोग विरोध करने के लिए नहीं किया जाएगा ना ही कुटुम के सदस्य ऐसा करेंगे ना ही अन्य व्यक्ति को करने की सहमति देंगे. धारा (7):— में यह प्रावधान किया गया है कि पुलिस को कोई जानकारी मिलती है कुटुंब के सदस्यों द्वारा या विधि विरुद्ध जमाव द्वारा मृतक शरीर का उपयोग विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है या किए जाने की संभावना है तो पुलिस मृत शरीर को अपने कब्जे में ले सकेंगे इसके अलावा इस अधिनियम में कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियां धारा 8 में , मृत शरीर का भंडारण धारा 9 में , शरीर परीक्षण की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी धारा 10 में अनुवांशिक डाटा सूचना संरक्षण धारा 11 में डाटा बैंक धारकधारा 12 मे डाटा डिजिटलाइजेशन धारा 13 में, सूचना की गोपनीयता धारा 14 में मृतक का निपटान धारा 15 में आदि में विशेष प्रावधान किए गए हैं .
राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधयेक 2023 –इस बिल में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है अपराध व दंड—— ( धारा 16)—- में मृत शरीर का कब्जा नहीं लेने के लिए दंड:- कोई कुटुंब का सदस्य जो धारा 5 के उप बंधुओं के अनुसार मृत शरीर को अपने कब्जे में नहीं लेता है तो वह ऐसे कारावास जो 1 वर्ष तक हो सकेगा व जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा ( धारा 17) :— कुटुंब सदस्यों द्वारा विरोध करने के लिए दंड—- कोई कुटुंबी सदस्यों जो मृत शरीर का उपयोग विरोध करने के लिए करता है या किसी अन्य व्यक्ति को विरोध करने के लिए मृत शरीर का उपयोग करने के लिए सहमति देता है तो वह 2 वर्ष तक का कारावास व जुर्माने से दंडनीय किया जाएगा. ( धारा 18) :— कुटुंब सदस्य से भिन्न किसी अन्य व्यक्ति द्वारा विरोध करने के लिए दंड:—- कुटुंबी सदस्यों से भिन्न कोई व्यक्ति जो मृत शरीर का उपयोग विरोध करने के लिए करता है जो ऐसे अवधि जिस 6 माह से कम कि नहीं होगी कि जो 5 वर्ष तक की हो सकेगी कारावास व जुर्माने से दंडनीय होगा . ( धारा 19)—– अनुवांशिक जेनेटिक डाटा सूचना के प्रकटन और सूचना की गोपनीयता के प्रकटन के लिए दंड– यदि किसी प्राधिकृत व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा किसी प्रकार की जेनेटिक आनुवंशिक डाटा सूचना और सूचना की गोपनीयता को प्रकट किया जाता है तो वह ऐसी अवधि के कारावास से जो 3 वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो 10 वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से दंडित किया जाएगा . (धारा 20):– दुष्प्रेरण प्रयत्न या षड्यंत्र के लिए दंड:— जो कोई भी इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के कार्य किए जाने का दुष्प्रेरण प्रयत्न या षड्यंत्र करता है तो वह उस रीति से दंडित किया जाएगा मानो उसने स्वयं वह अपराध कार्य किया हो.
राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधयेक 2023 — इस बिल का उद्देश्य मृतक शरीर की गरिमा , मृत शरीर को शिष्टता पूर्वक दफन या दाह संस्कार कर मृत शरीर की गरिमा को बनाए रखने का रहा है किंतु दूसरी और इस बिल का विरोध भी होना शुरू हो गया है विरोधियों का कहना है कि यह जनता के अधिकारों पर अतिक्रमण करने वाला विधेयक है इसमें सरकार ने जनता के विरोध जनता की आवाज जनता के अधिकारों को कुचलने के लिए पुलिस को असीमित अधिकार प्रदान किए हैं उनका कहना है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी संस्था व्यक्ति प्राधिकरण सरकार की गलती या लापरवाही से हुई हो तो मृत व्यक्ति के परिजनों को यह अधिकार नहीं है कि वह लापरवाही व उपेक्षा के लिए अपना विरोध प्रकट कर सके”??? ऐसे में तो कोई भी व्यक्ति सरकार प्राधिकरण ,संस्था, अस्पताल, लापरवाही, उपेक्षा से किसी भी मृत्यु कर देगा और परिजन इस बिल के कारण अपना विरोध तक नहीं कर सकेंगे?? विरोध करने पर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा?? यह आम आदमी के मूल अधिकारों का हनन है?? पक्ष– विपक्ष के तर्क वितर्क चलते रहेंगे फिलहाल यह विधायक राजस्थान विधानसभा में पारित हो चुका है गजट नोटिफिकेशन के बाद यह अस्तित्व में आ जाएगा। जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी इस विधेयक को पूरा विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें वह पूरा विधेयक डाउनलोड करें किस प्रकार कानून के नवीनतम अधिनियमों, विधेयको , निर्णयों, की नवीनतम हिंदी में जानकारी के लिए आप इस ब्लॉक” हिंदी में कानून “indainlawonline.com का अवलोकन करें