google.com, pub-5484547626687673, DIRECT, f08c47fec0942fa0

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)
LATEST LAW महिला अधिकारLeave a Comment on यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)एक ऐसा क़ानून जिसके बन जाने ओर लागू हो जाने से देश के हर समाज के हर जाति के लोगों के लिए एक समान क़ानून होगा हर देशवासी एक ही क़ानून के दायरे में रहेगा अलग अलग क़ानून अलग अलग जाति प्रथाओ का कोई महत्व नहीं रहेगा एक देश एक क़ानून के इस प्रावधान के बनने से पहले –लागू होने से पहले ही देश में इसके पक्ष विपक्ष में बहस छिड़ गई है कोई कह रहा ये देश के हित के लिए बहुत ही अच्छा क़ानून होगा कोई कह रहा है ये किसी जाति वर्ग विशेष को दबाने के लिए लाया जा रहा एक समाज के सिस्टम को तोड़ने वाला क़ानून है?? आखिर क्या है यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)ओर क्यों इसे लागू करने की ज़रूरत पड़ गई है??आइये इसे समझे क्योंकि बिना किसी क़ानून को समझे जाने उसके फायदे नुकसान का आंकलन किये हम उसे अच्छा या बुरा नहीं कह सकते है.

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC)

हमारे देश के सविंधान के भाग– 4(राज्य के नीति निदेशक तत्व )के अनुच्छेद 44 में यह प्रावधान हमारे संविधान निर्माताओं नें पहले ही बना रखा है जिसमे लिखा है की देश के हर नागरिक के लिए एक समान यूनिफार्म संहिता सरकार लागू करेगी ओर देश की सर्वोच्च अदालत ओर हाई कोर्ट भी समय समय पर सरकारों को समान यूनिफार्म संहिता लागू करने का कह चुकी है परन्तु राजनीतिक कारणों ओर देश की धर्मनिरपेक्षता के चलते देश में आजतक समान यूनिफार्म संहिता लागू नहीं हो सकी. हमारे देश में मुख्य रूप से दो बड़ी क़ानूनी व्यवस्था लागू है आपराधिक विधि..      जिसमे भारतीय दंड संहिता.. साक्ष्य विधि. दंड प्रकिया विधि आदि शामिल है दूसरी है सिविल विधि ओर अब इनमे से आपराधिक विधि  तो हर देश वासी पर लागू है चाहे वह हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई किसी भी जाति का हो परन्तु सिविल विधि जिसमे विवाह.. तलाक.. विवाह विच्छेद. दत्तक ग्रहण (गोद लेना ). उत्तराधिकार.. सम्पति का बटवारा आदि शामिल है यह सब पर समान रूप से लागू नहीं है यह हर जाति मजहब के मझहबी तोर तरीको के हिसाब से लागू होते है ओर इनके लिए अलग अलग अपने पर्शनल क़ानून बने है. यहीं  कारण है जिसके कारण सरकार एक समान यूनिफार्म संहिता  लागू करने के बारे में सोच रही है ताकि सिविल विधि के ये क़ानून सब पर एक समान लागू हो सके.

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) विरोध क्यों???

मुस्लिम समाज के कुछ लोग इसका विरोध इस कारण कर रहे की उनके हिसाब से यह उनके मजहबी अधिकारों को खत्म करने का सरकार का एक सोचा समझा प्लान है उनका यह भी कहना है की भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है इसलिए हर जाति धर्म के लोगों को अपने धर्म के आधार पर शादी विवाह तलाक आदि के क़ानून बनाने ओर उन्हें मानने का अधिकार है पर इसके विपरीत कुछ लोगों का कहना है की ज़ब मुस्लिम लोग शरीयत क़ानून को शादी विवाह ओर महिलाओ के अधिकारों के लिए मानते है तो वह लोग शरीयत के आपराधिक क़ानून जिससे हाथ काट लेते है आखें फोड़ देते है सरे आम बीच सड़क पर पत्थर से मार देते है वह भी लागू करे सिर्फ़ तलाक ,विवाह,भरण पोषण पर ही शरीयत क़ानून क्यों मानते है??ये सब बहस के मुद्दे हो सकते है पर हम यहां इन विवादित मुद्दों पर बात नहीं कर रहे है हम सिर्फ़ यह समझना ओर समझना चाहते है की क्या समान यूनिफार्म संहिता को लागू किया जाना चाहिये? जहाँ तक मुस्लिम समाज की बात है बहुत से मुस्लिम देशो में आज भी समान सिविल संहिता लागू है ओर अगर भारत में ये लागू होती है तो इसका फ़ायदा हमारे देश की मुस्लिम बेटियों ओर महिलाओं को ही मिलेगा क्योंकि अगर समान नागरिक संहिता लागू होती है तो लड़कियो की शादी की उम्र 18साल होंगी जो सभी के लिए एक ही होंगी चाहे मुस्लिम हो या हिन्दू, मुस्लिम व्यक्ति को भी तलाक के वही सिमित अधिकार होंगे जो हिन्दू ओर अन्य जातियों को होते है मुस्लिम समाज में बहु विवाह की परम्परा खत्म होंगी मुस्लिम महिला तलाक होने पर अपने पति से भरण पोषण मांग सकेगी मुस्लिम बेटियों की पिता की सम्पति में बराबर का अधिकार होगा मुस्लिम महिला पुत्र या पुत्री गोद से सकेगी आदि आदि बहुत से अधिकार है जो मुस्लिम महिलाओं को मिल जायेगे इन सबसे ये भी होगा की धर्म परिवर्तन पर भी रोक लगेगी तो फिर ये संहिता ग़लत केसे हुई??? इसका विरोध क्यों???ज़ब हम भारत के सविंधान को मानते है तो उसी सविंधान के अनुच्छेद 44 को क्यों नहीं मान सकते?? ज़ब हम यह कहते है की भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है तो फिर उस देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक सहिंता क्यों नहीं हो सकती???? क्या मुस्लिम महिलाओ ओर बेटियों को उनके अधिकार नहीं मिलने चाहिये जो हिन्दू महिलाओं को है???? यह सब ऐसे प्रश्न है जिन पर आज पुरे देश को विचार करना चाहिये क्योंकि एक सभ्य ओर सस्कार वाले समाज में इन बातों को समझना बहुत ही आवयश्क है ताकि समाज मजबूत हो… जय हिन्द.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top