महिला पुलिस थाना —-महिला सुरक्षा की दिशा में महिलाओं की मदद के लिए देश के प्रत्येक राज्य के हर जिले में एक महिला थाना होता है देश का सर्वप्रथम महिला थाना 1973 में केरल के कोजीकोड में खुला था जिसका उद्घाटन तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था इन थानो की विशेषता यह होती है कि थानों में थानाधिकारी से लेकर सिपाही तक महिला कर्मचारी होते हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर पुलिस अधिकारी की नियुक्ति भी की जा सकती है थानों में महिलाओं से जुड़े अपराधों जैसे घरेलू हिंसा ,दहेज प्रताड़ना, बलात्कार यौन शोषण छेड़छाड़ इत्यादि से संबंधित प्रकरण दर्ज किए जाते हैं थानों में महिला बिना किसी डर से थाने में नियुक्त महिला अधिकारी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है इन थानों में सामाजिक संस्थाओं व काउंसलर की सहायता ली जा सकती है जो पारिवारिक विवादों को निपटाने के लिए पक्षकारों की काउंसलिंग कराई जाती है इन थानों में केवल महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है महिलाओं को यहां उत्तम व्यवस्था बिना किसी डर के अपनी बात कहने कानूनी जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेष महिला डेस्क भी होती है जहां महिला अपनी बात बता सकती है जिसके आधार पर एनजीओ व काउंसलर के माध्यम से काउंसलिंग करवाई जाती है तथा आवश्यकता पड़ने पर मुकदमा दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाती है महिला बिना किसी तरह के इन थानों में जाकर न्याय प्राप्त कर सकती है
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