अतिक हत्याकांड में तुर्कीये एंगल
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7-8लाख की पिस्टल जिगाना पिस्टल
केसे मिली हत्यारों को ?अवैध हथियार केसे मिल जाते हे माफियाओ को?
कल प्रयागराज में रात को माफिया अतिक और उसके भाई को कुछ बदमाशों ने मिडिया के सामने पुलिस की मौजूदगी में नकदीक से गोलियों से उड़ा दिया गया पूरा देश इस घटना की जानकारी मिलते ही सब स्तब्ध रह गये देश के आम लोगो को इस घटना पर एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ की इतनी भारी पुलिस व्यवस्था के होते ऐसी घटना को केसे कोई अंजाम दे सकता हे परन्तु ऐसा हो गया पुरी मिडिया और सोशल मिडिया पर इस घटना के वीडियो चल रहे हे राजनीति करने वाले भी इस घटना में अपनी अपनी लाभ हानि को देख रहे हे और उस हिसाब से बयानबाजी की जा रही हे पुलिस अपना बचाव कर रही हे परन्तु इस घटना से देश की जनता बहुत विचलित हे और देश के लोग यह जानना चाहते हे की ऐसी घटनाओ के होने के क्या कारण हे जबकि उतरप्रदेश राज्य की क़ानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था बहुत ही मजबूत और कारगर मानी जाती हे इस घटना से कुछ महत्पूर्ण प्रश्न उठ रहे हे जिनका उत्तर सरकारों और कानून बनाने वालों को ढूढ़ने पड़ेगे और उनके जवाब जनता को देने होंगे.
अतिक हत्याकांड में प्रयुक्त तुर्कीये की पिस्टल (जगाना )जिसकी क़ीमत 7-8लाख हे और जो भारत में बेन हे वह इन हत्यारों के पास कहाँ से आई?
उमेशपाल हत्याकांड में भी हत्यारों के पास पिस्टल गोला बारूद केसे आये? https://youtu.be/IVGQEADc1Yk
अतिक के बेटे असद और गुलाम के पास विदेशी हथियार कहाँ से आये? क्या विदेशी खतरनाक और लाखों करोडो के हथियार इतनी आसानी से देश में उपलब्ध हे? भारत में आज भी बिना लाइसेंस हथियार रखना 25 आर्म अधियम के अंतर्गत अपराध हे और हथियार का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल और सख्त हे की आम आदमी क्या सरकारी अधिकारियो,राजनेताओं, बिजनेसमेन लोगों को भी हथियार का लाइसेंस लेने में पसीने आ जाते हे और इधर गुंडे बदमाश और माफिया हथियार और लाखों की क़ीमत वाले विदेशी हथियार लेकर खुलेआम वारदात कर रहे हे ज़ब भी कोई माफिया या गुंडा बदमाश पकड़ा जाता हे तो हम देखते हे की उनके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और गोला बारूद बरामद होता हे जबकि देश में इन पर पाबंदी हे? दूसरी सोचने वाली बात ये हे की ये अवैध हथियार आते कहाँ से हे? कहाँ बनते हे? और इतनी आसानी से इन माफियाओ को कहाँ से मिल जाते हे इस पर अनुसन्धान क्यों नहीं होता इन पर रोक क्यों नहीं लगाई जाती हे? क्योंकि ज़ब ऐसे खतरनाक और विदेशी हथियार इतनी आसानी से मिल जाते हे तो फिर अपराधियों और माफियाओ के होशले क्यों ना बुलंद होंगे?
अपराधी को पकड़ लेना और चालान कोर्ट में पेश कर देने मात्र से ऐसे अपराध खत्म नहीं होंगे और ना कम होंगे पुलिस और सरकारों को ऐसे अपराध की तह तक जाना पड़ेगा यानि ये समझना पड़ेगा की ऐसे अपराध क्यों होते हे, ऐसे अपराधों के पीछे कौन हे, ऐसे अपराधों के लिए हथियार और गोला बारूद कहाँ से आते हे जिन हथियारों को भारत में बेन किया गया हे वह भारत में केसे और कहाँ से आ रहे हे? इनका भारत में लाने का विदेशी एजेंडा क्या हे? कोन से देश इसमें लिप्त हे?अगर इन बिन्दुओ पर गहनता से अनुसन्धान किया जाये तो भविष्य में ऐसी वरदातो पर रोक लग सकती हे.
परन्तु होता ये हे की ज़ब कोई ऐसी घटना होती हे तब सरकारे अपना बचाव करती हे एक जांच कमीशन बना देती हे —पुलिस कुछ अधिकारियो को सस्पेंड कर देती हे चाहे उनका दोष हो या ना हो —राजनैतिक दल अपनी बयान बाजी कर लेते हे और मामला खत्म कुछ दिन बाद सब भूल जाते हे परन्तु ऐसी घटनाओ से जिनके परिवार के लोग मर जाते हे उन परिवारों की पीड़ा उनका दुख कोई नहीं समझता हे इसलिएअब समय आ गया हे ज़ब पुलिस और सरकारों को अनुसन्धान के तरीको को बदलना होगा इसके लिए अब नये तरीको नई टेक्नोलोजी को अपनाना होगा अपराधी तक ही नहीं हमें अपराध, अपराधी, अपराध के कारण, अपराध में इस्तेमाल हथियारों, अपराधी के पीछे कोन लोग हे, अपराध का उद्देश्य क्या हे इन सभी विषयों पर भी गहनता से अनुसन्धान करके की ज़रूरत हे